हर उस कविता में टीवी के विज्ञापन और बाकी घिसी पिटी चीजें भर दी जाएँ
जिसे कभी लिखा नहीं जाना चाहिए था
और हर उस कविता को ख़त्म कर दिया जाए
जिसके अलावा कोई कविता कभी नहीं लिखी जानी चाहिए थी
जबतक दूध में मिला हुआ पानी न माने हार
तब तक पानी के अलावा कुछ न बचे
0 comments:
Post a Comment