राम नही बसते धरती के मंदिर और शिवालो में
या चन्दन टीका करके बस भोग लगाने वालो में
वे मर्यादा की प्रधानता का प्रतीक हैं , संबल है
उन हृदयों में राम बसें ,जो प्रेम भाव से विह्वल हैं
-आलोक
नन्हे नन्हे से कदम उठाओ – वन स्टेप एट ए टाइम
3 days ago
2 comments:
simply superb!
ye mujhe bahut pehle se hi likhna tha par aaj likh paa rhi huin.
sunder lekhan aur sunder chintan.
shubhkaamnaayen.
बहुत ही सुन्दर शब्द हैं ये
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