और उस दिनहम दोनों के दिलनदी में बहती हुईदो बड़ी बड़ी बूँदें थींइतनी पारदर्शीकिकुछ भी न दिखाई पड़ता थाउनके भीतर
बस लिखते रहिये.---मेरे ब्लॉग पर सादर आमंत्रित हैं.शुक्रिया.
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1 comments:
बस लिखते रहिये.
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मेरे ब्लॉग पर सादर आमंत्रित हैं.
शुक्रिया.
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