देश पर निज प्राण के जो पुष्प न्यौछावर करे
जो कफ़न का ओढ़ चोला देश पर ही मिट मरे
उस तनय के जनक द्वय को नमन बारंबार है
जो गँवाकर प्राण करता देश का शृंगार है ।"
देश पर निज प्राण के जो पुष्प न्यौछावर करे
जो कफ़न का ओढ़ चोला देश पर ही मिट मरे
उस तनय के जनक द्वय को नमन बारंबार है
जो गँवाकर प्राण करता देश का शृंगार है ।"
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